Friday, May 29, 2015

शोध माणसाचा

तुझ्या पायी आता | आम्ही लीन झालो |
बहुत त्रासलो | संसारात ||
इथे मिथ्यवाणि | पदोपदी  लाभे |
असत्याचे धागे | वस्त्रलागी ||
माणूसच झाला | माणसाचा वैरी |
उच्च नीच करी | जातपात ||
ओळखावे कसे | आम्हीच आम्हाला |
चेहरा झाकला | लज्जे पायी ||
गणदास आता | करी पायपीट |
शोधायासी नीट | माणसाला ||

करुणा

माया मोह पाश | छळिति आम्हास |
भौतिकाचा सोस | सोडवेना ||
किती यत्न केले | सोडण्यासी भले |
चित्त तरी गेले | भोगण्यासी ||
वोखटा संसार | स्वार्थाचा विचार |
आम्ही जीवापाड | साम्भळितो ||
न रुचे परमार्थ | काठोकाठ  स्वार्थ |
अहंकार पदार्थ | शिगोशिग ||
तरी भले करा | देवळाच्या द्वारा |
मारितो चकरा | नित्यकाळी ||
आता गजानना | लेकरू हे जाणा |
ऐलतीरी आणा | गणदासा ||