माया मोह पाश | छळिति आम्हास |
भौतिकाचा सोस | सोडवेना ||
किती यत्न केले | सोडण्यासी भले |
चित्त तरी गेले | भोगण्यासी ||
वोखटा संसार | स्वार्थाचा विचार |
आम्ही जीवापाड | साम्भळितो ||
न रुचे परमार्थ | काठोकाठ स्वार्थ |
अहंकार पदार्थ | शिगोशिग ||
तरी भले करा | देवळाच्या द्वारा |
मारितो चकरा | नित्यकाळी ||
आता गजानना | लेकरू हे जाणा |
ऐलतीरी आणा | गणदासा ||
भौतिकाचा सोस | सोडवेना ||
किती यत्न केले | सोडण्यासी भले |
चित्त तरी गेले | भोगण्यासी ||
वोखटा संसार | स्वार्थाचा विचार |
आम्ही जीवापाड | साम्भळितो ||
न रुचे परमार्थ | काठोकाठ स्वार्थ |
अहंकार पदार्थ | शिगोशिग ||
तरी भले करा | देवळाच्या द्वारा |
मारितो चकरा | नित्यकाळी ||
आता गजानना | लेकरू हे जाणा |
ऐलतीरी आणा | गणदासा ||
No comments:
Post a Comment